new blue ant species ‘neela’ discovered :- देश ओर दुनिया हररोज कुछ नई नई घटनाए सामने आती रहती है । आज हिमालय की घाटी मे आम लाल, काली या भूरी चींटियों से अलग, पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश के यिंगकू गांव से एक शानदार नीली चींटी की खोज की गई है। यह नई प्रजाति दुर्लभ जीनस पैरापैराट्रेचिना से संबंधित है और इसका नाम Paraparatrechina नीला रखा गया है। “नीला” शब्द अधिकांश भारतीय भाषाओं में नीले रंग को दर्शाता है – चींटी के अनोखे रंग के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि।
Dazzling new blue ant species ‘neela’ discovered in Himalayas 2024: घाटी में मिली अनोखे नीले रंग की चींटियां, यहा से देखे फ़ोटो।
बेंगलुरु, भारत: भारतीय वैज्ञानिकों ने अरुणाचल प्रदेश में चींटियों की एक नई प्रजाति की खोज की है। यह चींटी अपनी चमकदार नीली रंग के लिए अद्वितीय है, जो कीड़ों की दुनिया में दुर्लभ है।
यह खोज अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (एटीआरईई) के वैज्ञानिकों द्वारा की गई थी, जिन्होंने फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया था। नई प्रजाति का नाम पैरापैराट्रेचिना नीला रखा गया है।
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यह चींटी केवल 2 मिलीमीटर लंबी होती है और इसे सियांग घाटी में एक पेड़ के छेद में खोजा गया था। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका नीला रंग शिकारियों से छिपने या संभोग के लिए आकर्षित करने में मदद कर सकता है।
अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता:
यह खोज अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता पर प्रकाश डालती है, जो पूर्वी हिमालय में स्थित एक राज्य है। इस क्षेत्र में कई अद्वितीय पौधे और जानवर पाए जाते हैं, जिनमें से कई अभी भी विज्ञान के लिए अज्ञात हैं।
हालांकि, इस क्षेत्र को बांधों, सड़कों और खनन जैसी विकास गतिविधियों से खतरा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम इस क्षेत्र की प्राकृतिक संपदा की रक्षा करें ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसका आनंद ले सकें।
यह खोज महत्वपूर्ण क्यों है:
- यह चींटी विविधता में जोड़ती है और पूर्वी हिमालय की अनूठी जैव विविधता का प्रतिनिधित्व करती है।
पूर्वोत्तर भारत की सुदूर सियांग घाटी में मिली अनोखे नीले रंग की चींटियां – Down To Earthदुनिया भर में चींटियों की 16,724 ज्ञात प्रजातियों और उप-प्रजातियों में से, केवल कुछ ही नीला रंग या इंद्रधनुषी रंग प्रदर्शित करती हैं। पैरापैराट्रेचिना नीला की …
- इसका नीला रंग वैज्ञानिकों को चींटियों के संचार, छलावरण और अन्य पारिस्थितिकी संबंधों के बारे में अधिक जानने में मदद कर सकता है।
- यह खोज इस क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालती है।
अगले कदम:
वैज्ञानिक पैरापैराट्रेचिना नीला के बारे में अधिक जानने के लिए इसके विकास और जीव विज्ञान पर शोध कर रहे हैं। वे यह भी समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इसका नीला रंग इसके अस्तित्व में कैसे मदद करता है।
यह खोज प्रकृति की अद्भुत विविधता और हमारे ग्रह पर अद्वितीय प्रजातियों की रक्षा करने की आवश्यकता को दर्शाती है।
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